View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3052 | Date: 11-Dec-19981998-12-111998-12-11हो रहा है जो, वह सबकुछ अच्छे के लिए होता हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ho-raha-hai-jo-vaha-sabakuchha-achchhe-ke-lie-hota-haiहो रहा है जो, वह सबकुछ अच्छे के लिए होता है,
पर क्या करे, मेरा दिल समझ नही पाता है ।
जख्म लगता है जब, दर्द उसका झेल नही पाता है,
मिलता है बहुत कुछ, जानने समझने को इन्कार इससे ये नही करता है ।
पर बंधनो से बँधा ये दिल, बंधन टूटने पर रोने लगता है,
अपनी आरजुओं को जब मन चाहा आकार नही मिलता,
खो जाता है दर्द में, के दर्द से आजाद रह नही पाता है ।
भूलकर प्यारभरी यादें, फरियाद करने लगता है,
अपनी राह भूलकर ये लड़खड़ाने लगता है,
के वास्तविकता करना चाहे स्वीकार, पर स्वीकार कर नही पाता है ।
हो रहा है जो, वह सबकुछ अच्छे के लिए होता है