View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2103 | Date: 04-May-19971997-05-041997-05-04किसके संग नाता जोडूँ और किससे नाता मैं अपना तोडूँ।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kisake-sanga-nata-jodum-aura-kisase-nata-maim-apana-todumकिसके संग नाता जोडूँ और किससे नाता मैं अपना तोडूँ।
किसका साथ निभाऊँ और किसका साथ मैं छोडूँ।
समझ नही पाता हूँ यही मैं, कि क्या पकडूँ और क्या छोडूँ।
बात है कुछ मोह माया की और कुछ प्यार उपकार की।
अब करुँ तो क्या करुँ, जहाँ मैं कुछ भी कर ना पाऊँ।
है साथी बहुत, पर मैं अपनेआप को किस संग जोडुं।
बडी मुश्किल में हूँ कि करना चाहूँ फैसला फिर भी कर ना पाऊँ।
खुद की ख्वाहिशें भी है बहुत दिल में, कैसे अपनी ख्वाहिशें मिटाऊँ।
अपने दिल में छुपे जज्बातों में, कैसे में बदलाव लाऊँ।
किसके संग नाता जोडूँ और किससे नाता मैं अपना तोडूँ।