View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2787 | Date: 29-Sep-19981998-09-291998-09-29लाचारी की ड़ोर से दम हमारा घुटने लगा हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=lachari-ki-daora-se-dama-hamara-ghutane-laga-haiलाचारी की ड़ोर से दम हमारा घुटने लगा है,
के प्रभु अब अपनी सोई शक्तियाँ जगाए बिना हमें ना रहना है ।
कब तक रोते बिलखते रहे, के अब आँसूओं से मन चिड़ने लगा है,
के प्रभु अब अपनी कमजोरियाँ मिटाए बिना हमें ना रहना है ।
कब तक रहे हम वही के वही, के अब एक ही मंजर पर दम घुटने लगा है,
के प्रभु अपनेआप में वीरत्व जगाए बिना हमें नही रहना है ।
कब तक खाए ठोकर पर ठोकर, के जख्मों को अब नही झेलना है,
मिटानी है सारी शंका-कुशंकाएँ, के इन्हें मिटाए बिना ना रहना है ।
कर सकते है सबकुछ, फिर भी हाथ पर हाथ धरे बैठे है,
घुटने लगा है दम आलस से, के अब आलस मिटाए बिना हमें ना रहना है ।
लाचारी की ड़ोर से दम हमारा घुटने लगा है