View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3398 | Date: 16-May-19991999-05-161999-05-16मस्ती छलकती है तेरी आँखों से, शरारत तो तेरे सुर में रहती हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=masti-chhalakati-hai-teri-ankhom-se-shararata-to-tere-sura-mem-rahatiमस्ती छलकती है तेरी आँखों से, शरारत तो तेरे सुर में रहती है,
मदहोशी में तू खोया रहता है, प्यार तो सबसे करता है,
तेरी यही अदा ऐ खुदा, दिल हमारा ले जाती है ।
तनहाईमें भी ना रहे तन्हा, शरारत तेरी बरकरार रहती है,
मिलाये जिससे तू अपनी नज़र, दुनिया उसकी खिल जाती है ।
चाहे वो बस तुझसे मिलना, उसकी रूह ना कुछ और चाहती है,
मिले जब तुझे तो पाये करार, वरना बेकरारी रहती है ।
कसक उठे दिलमें ऐसी कि तेरे सिवा ना कुछ उम्मीदें हमारी चाहती हैं,
जो ना पा सकें हम, तो जप करके, वो तुझसे मिलकर पा लेते हैं,
कि जैसे चारों ओर शांति और मस्ती छा जाती है ।
मस्ती छलकती है तेरी आँखों से, शरारत तो तेरे सुर में रहती है