View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2610 | Date: 30-Aug-19981998-08-301998-08-30रात-दिन की यह हाय-हाय, प्रभु तू बता ऐसे में कैसे कर पाऊँ तुझे प्यार।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ratadina-ki-yaha-hayahaya-prabhu-tu-bata-aise-mem-kaise-kara-paum-tujeरात-दिन की यह हाय-हाय, प्रभु तू बता ऐसे में कैसे कर पाऊँ तुझे प्यार।
कभी इधर, तो कभी उधर दौड़ लगाये, ऐसे में कैसे सुन पाए तेरी पुकार।
खुद ही नही समझ पाते है हम, कर रहे है आखिर क्यों ऐसा व्यवहार।
वक्त मिलता है हमें काम से, नही मिलता वक्त हाय-हाय से, ये है हमारे हाल।
चून देते है अपनेआप को, करके चिंता और उपाधि कि उँची दीवार।
करना याद भी तुझे हम भूले तो कैसे, करे प्रभु हम तुझे प्यार।
खिंचते रहते है हरपल नए-नए खिंचावो में, हर वक्त बदलते रहते है हमारे ख्याल।
बीत रही है जिंदगी हमारी, जिसका हमें नही है कोई रंज, नही है कोई एहसास।
पता नही है जब यहाँ आने का मक्सद, फिर क्या करे और बात।
अपनी इच्छाओं के हो गए हम शिकार, के प्रभु कैसे करे तुझे प्यार।
रात-दिन की यह हाय-हाय, प्रभु तू बता ऐसे में कैसे कर पाऊँ तुझे प्यार।