View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4165 | Date: 04-Jul-20012001-07-042001-07-04यारी निभाना, यारी निभाना के यार मेरे तू यारी निभानाSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=yari-nibhana-yari-nibhana-ke-yara-mere-tu-yari-nibhanaयारी निभाना, यारी निभाना के यार मेरे तू यारी निभाना,
चाहे तू छिप जाना, चाहे नज़र में आना, पर यार मेरे तू यारी .....
खयालों में और हकीकत में सदा संग तू ही रहना, कि यारी .....
मुसिबतों में याद अपनी तू बढ़ा देना कि मेरे यारी निभाना
तेरे जलवे हैं बरकरार, तू उन्हें खतम ना होने देना, कि यार .....
हर साँस में चाहे तेरे साथ का अहसास, प्यार तू कुछ ऐसा करना .....
अहसास अपना पल पल दिल को मेरे दिलाता जाना, कि यार .....
हर जखम को झेलते जायेगे हँसते मुस्कुराते कि बस तू अपनी .....
जब नजरों में बस गया है तू तो औरों को कैसे बसाऊँ ।
अगर चाहता है तू बसाऊँ मैं सबको दिलमें, तू हररूप पर छा जाना ।
यारी निभाना, यारी निभाना के यार मेरे तू यारी निभाना