आपकी नज़रें रहती हैं सदा हम पर बस,
हमारी नज़र आपका दीदार करती रहे;
मिलती हो जहाँ नज़रों से नज़र,
वहाँ जुदाई फिर कैसे रहे |
- संत श्री अल्पा माँ
आपकी नज़रें रहती हैं सदा हम पर बस,
हमारी नज़र आपका दीदार करती रहे;
मिलती हो जहाँ नज़रों से नज़र,
वहाँ जुदाई फिर कैसे रहे |
- संत श्री अल्पा माँ