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बिना जख्म के दर्द का अहसास नहीं,
बिना प्रित प्रेम का अहसास नहीं,
कुरबानी कुरबानी, खुदा तुझे देनी पड़ती है कुरबानी,
जिसको कह दी हमने तेरी महरबानी ।



- संत श्री अल्पा माँ

 
बिना जख्म के दर्द का अहसास नहीं,
बिना प्रित प्रेम का अहसास नहीं,
कुरबानी कुरबानी, खुदा तुझे देनी पड़ती है कुरबानी,
जिसको कह दी हमने तेरी महरबानी ।
बिना जख्म के दर्द का अहसास नहीं /quotes/detail.aspx?title=bina-jakhma-ke-darda-ka-ahasasa-nahim