चाहते हैं अपने आँसुओं पर पर्दा,
पर पर्दा हँसी पर ही हो जाता है,
लाख कोशिशों के बावजूद, भी वो आँखों से बह जाते हैं |
- संत श्री अल्पा माँ
चाहते हैं अपने आँसुओं पर पर्दा,
पर पर्दा हँसी पर ही हो जाता है,
लाख कोशिशों के बावजूद, भी वो आँखों से बह जाते हैं |
- संत श्री अल्पा माँ