Share गहराई तेरी आँखों की क्या कहना है? समाये जिसमें सैकड़ों समन्दर हैं । खोया उसमें दिल है मेरा, अब ढूंढना उसे मुश्किल है | - संत श्री अल्पा माँ Previous गुस्ताखी ये हमसे हरबार तो होती है । Next गाने चले गीत पर सुर छेड़ना हमको ना आया