Share कभी औरों को देखकर अपने आपको देखते हैं | कभी अपने आपको देखकर औरों को देखते हैं | इसी सिलसिले में अपनी सबकी पहचान खो हम देते हैं | - संत श्री अल्पा माँ Previous कभी ऐसा भी होता है Next कभी कुछ, कभी कुछ कहता है तू