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कैसी अजीब ये बात है,
कितने अजीब अपने जज़्बात हैं;
कभी अपने को पराया तो,
कभी परायों को अपना बना देती, इनकी यही पहचान है |

- संत श्री अल्पा माँ
कैसी अजीब ये बात है,
कितने अजीब अपने जज़्बात हैं;
कभी अपने को पराया तो,
कभी परायों को अपना बना देती, इनकी यही पहचान है |



- संत श्री अल्पा माँ

 
कैसी अजीब ये बात है,
कितने अजीब अपने जज़्बात हैं;
कभी अपने को पराया तो,
कभी परायों को अपना बना देती, इनकी यही पहचान है |
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