Share क्यों न करूँ झुक कर सलाम? क्यों न करूँ रुक कर सलाम? जब नजर आता है चारों तरफ मेरा दिलदार, क्यों न करूँ हँसकर सलाम? - संत श्री अल्पा माँ Previous क्या बात थी जिसने मुझे यूँ रुला दिया? Next करे अगर प्रशंसा कोई मेरी तो