Share लड़ते हैं ज़िंदगी से हम, अपने नसीब पर रोते हैं, बस इसी सिलसिले में अपना कीमती वक्त हम खोते हैं |- संत श्री अल्पा माँ लड़ते हैं ज़िंदगी से हम, अपने नसीब पर रोते हैं, बस इसी सिलसिले में अपना कीमती वक्त हम खोते हैं | - संत श्री अल्पा माँ Previous लगते है सबको फूल प्यारे, काँटे किसे अच्छे लगते है? Next लाखो करोड़ों माँग के तुझसे अपनी राह हम चले