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मासूम निगाहों से देखकर, कत्ल हमारा कर जाते हैं,
उनको तो पता नहीं, पर अंजाने में ही सितम कर जाते हैं ।
खुदा ये तेरी कैसी करामत, कैसे कैसे तेरे जलवे होते हैं,
बेचैन करके हमें चैन से तुम सो जाते हो ।

- संत श्री अल्पा माँ
मासूम निगाहों से देखकर, कत्ल हमारा कर जाते हैं,
उनको तो पता नहीं, पर अंजाने में ही सितम कर जाते हैं ।
खुदा ये तेरी कैसी करामत, कैसे कैसे तेरे जलवे होते हैं,
बेचैन करके हमें चैन से तुम सो जाते हो ।



- संत श्री अल्पा माँ

 
मासूम निगाहों से देखकर, कत्ल हमारा कर जाते हैं,
उनको तो पता नहीं, पर अंजाने में ही सितम कर जाते हैं ।
खुदा ये तेरी कैसी करामत, कैसे कैसे तेरे जलवे होते हैं,
बेचैन करके हमें चैन से तुम सो जाते हो ।
मासूम निगाहों से देखकर, कत्ल हमारा कर जाते हैं /quotes/detail.aspx?title=masuma-nigahom-se-dekhakara-katla-hamara-kara-jate-haim