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सैकड़ों तूफानों के बीच खड़ा हुआ हूँ मैं ।
ना होते हुए भी अकेला हूँ मैं ।
की अपनी किस्मत को आंसुओं से नहला रहा हूँ मैं |



- संत श्री अल्पा माँ

 
सैकड़ों तूफानों के बीच खड़ा हुआ हूँ मैं ।
ना होते हुए भी अकेला हूँ मैं ।
की अपनी किस्मत को आंसुओं से नहला रहा हूँ मैं |
सैकड़ों तूफानों के बीच खड़ा हुआ हूँ मैं । /quotes/detail.aspx?title=sainkadom-tuphanom-ke-bicha-khaa-hua-hum-maim