View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2288 | Date: 27-Sep-19971997-09-271997-09-27बीते हुए कुछ लम्हें का दुःख उभरता रहा है।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=bite-hue-kuchha-lanhem-ka-duhkha-ubharata-raha-haiबीते हुए कुछ लम्हें का दुःख उभरता रहा है।
आया अंजाम कुछ ऐसा, जो हमारा चैन छीन रहा है।
हुआ गलत या सही, इसी बात का ना हमें ख्याल आ रहा है।
कभी हम गुनाह को ,तो कभी गुनाह हमें तलाश रहा है।
कभी ना आना चाहिए ऐसा एहसास हमें बार-बार आ रहा है।
गुजरे हुए वक्त को, कुछ-कुछ दिल कोसने लगा है।
अपनी नादानीयत पर हमें गुस्सा आ रहा है।
जुड़े हम उससे जिससे जूड़ना नही था, अफसोस इसी बात का हो रहा है।
बीतनेवाला लम्हा तो बीत गया, गुजरनेवाले लम्हें भी दुःख ही दे रह है।
करे तो क्या करे, कि बिना सोचे जो किया, अब सोचने से भी घबरा रह है।
बीते हुए कुछ लम्हें का दुःख उभरता रहा है।