View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 2794 | Date: 02-Oct-19981998-10-02छूपाकर कहना नही चाहता हूँ, कहकर छूपाना नही चाहता हूँhttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chhupakara-kahana-nahi-chahata-hum-kahakara-chhupana-nahi-chahata-humछूपाकर कहना नही चाहता हूँ, कहकर छूपाना नही चाहता हूँ,

दर्दे मोहब्बत में कुछ अपने बारे में कहकर भी, कहना नही चाहता हूँ।

वैसे तो गीला नही कोई और बात का, पर अपने दुर्गुणों को नही चाहता हूँ,

बताऊँ तुझे तो खुदा कैसे, किस तरह, जहाँ खुद पूरा नही जानता हूँ ।

करुँ कोशिश जानने की, तो मैं उलझ ही इसमें जाता हूँ,

हर बार अपनेआप को जब मैं देखूँ, एक नया ही रूप पाता हूँ ।

पहचानकर तेरी चाहत को मैं अनजान ही रहता हूँ ।

अपने दुर्गुणों के बारे में किसीको बताने से बहुत मैं डरता हूँ ।

जैसा हूँ मैं वैसा अपनेआप का स्वीकार कर नही पाता हूँ ।

कि ऐ खुदा! कुछ कहकर भी कुछ कहना नही चाहता हूँ ।

छूपाकर कहना नही चाहता हूँ, कहकर छूपाना नही चाहता हूँ

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छूपाकर कहना नही चाहता हूँ, कहकर छूपाना नही चाहता हूँ,

दर्दे मोहब्बत में कुछ अपने बारे में कहकर भी, कहना नही चाहता हूँ।

वैसे तो गीला नही कोई और बात का, पर अपने दुर्गुणों को नही चाहता हूँ,

बताऊँ तुझे तो खुदा कैसे, किस तरह, जहाँ खुद पूरा नही जानता हूँ ।

करुँ कोशिश जानने की, तो मैं उलझ ही इसमें जाता हूँ,

हर बार अपनेआप को जब मैं देखूँ, एक नया ही रूप पाता हूँ ।

पहचानकर तेरी चाहत को मैं अनजान ही रहता हूँ ।

अपने दुर्गुणों के बारे में किसीको बताने से बहुत मैं डरता हूँ ।

जैसा हूँ मैं वैसा अपनेआप का स्वीकार कर नही पाता हूँ ।

कि ऐ खुदा! कुछ कहकर भी कुछ कहना नही चाहता हूँ ।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


chūpākara kahanā nahī cāhatā hūm̐, kahakara chūpānā nahī cāhatā hūm̐,

dardē mōhabbata mēṁ kucha apanē bārē mēṁ kahakara bhī, kahanā nahī cāhatā hūm̐।

vaisē tō gīlā nahī kōī aura bāta kā, para apanē durguṇōṁ kō nahī cāhatā hūm̐,

batāūm̐ tujhē tō khudā kaisē, kisa taraha, jahām̐ khuda pūrā nahī jānatā hūm̐ ।

karum̐ kōśiśa jānanē kī, tō maiṁ ulajha hī isamēṁ jātā hūm̐,

hara bāra apanēāpa kō jaba maiṁ dēkhūm̐, ēka nayā hī rūpa pātā hūm̐ ।

pahacānakara tērī cāhata kō maiṁ anajāna hī rahatā hūm̐ ।

apanē durguṇōṁ kē bārē mēṁ kisīkō batānē sē bahuta maiṁ ḍaratā hūm̐ ।

jaisā hūm̐ maiṁ vaisā apanēāpa kā svīkāra kara nahī pātā hūm̐ ।

ki ai khudā! kucha kahakara bhī kucha kahanā nahī cāhatā hūm̐ ।