View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2793 | Date: 02-Oct-19981998-10-021998-10-02तू कुछ कहे और हम बीच में बोले, क्या करे कुछ आदत-सी हो गई है ।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=tu-kuchha-kahe-aura-hama-bicha-mem-bole-kya-kare-kuchha-adatasi-ho-gaiतू कुछ कहे और हम बीच में बोले, क्या करे कुछ आदत-सी हो गई है ।
तेरी बातों को समझकर भी नही समझते, फिर भी लगता है के समझ हम रहे है ।
कभी अपनी आरजु पूरी करते है, कभी अपनी आरजु तुझे कहते है ।
तू जो कहता है वह सबकुछ हमारे लिए ही, फिर भी हम नही सुनते है ।
शायद इसीलिए उलझे है उलझनो में, के चाहत पूरी करके पूरी नही करते है ।
अपनी दर्द भरी दास्ताँ सुनाने से हम वैसे तो कभी फुरसत नही पाते है ।
के तेरा कहा ए खुदा कभी पूरा नही सुनते है, कभी कुछ नही सुनते है ।
ऐसा नही के हम तुझे नही चाहते है, पर तेरा कहा हम नही सुनते है ।
प्रभु यही तो कारण है के हम हरहाल में तुझे याद नही कर पाते है ।
तमन्ना है सबकुछ तुझे देने की, के फिर भी कुछ ना तुझे दे पाते है ।
तू कुछ कहे और हम बीच में बोले, क्या करे कुछ आदत-सी हो गई है ।