View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2540 | Date: 03-Aug-19981998-08-031998-08-03देखता हूँ मैं जब भी किसी का मूर्खता भरा व्यवहार, बहुत हँसी आती हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=dekhata-hum-maim-jaba-bhi-kisi-ka-murkhata-bhara-vyavahara-bahuta-hansiदेखता हूँ मैं जब भी किसी का मूर्खता भरा व्यवहार, बहुत हँसी आती है,
सोचता हूँ प्रभु मैं, के तू मुझपर तो कितनी बार हँसता होगा।
करता रहता हूँ मैं तो हरपल यही, के मजा तुझे बहुत आता होगा,
हँस-हँसकर थक जाता होगा, पर अपनी हँसी को ना रोक पाता होगा।
ना जानकर भी कुछ, जब मैं हँसता हूँ किसी की मूर्खता पर बहुत,
फिर तेरा क्या कहना के तेरी हँसी का ना कोई अंत होगा।
शायद यही कारण है के, तू हरपल आनंद में रहता होगा,
देख-देखकर हमारी गल्तियाँ, पता नही तू क्या सोचता होगा,
पर करते है हम हरपल मूर्खता भरा व्यवहार, इस बात को मानना होगा,
सोचते है जब तेरे बारे में, तो बस इतना के तू कितना हँसता होगा।
देखता हूँ मैं जब भी किसी का मूर्खता भरा व्यवहार, बहुत हँसी आती है