View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1766 | Date: 24-Sep-19961996-09-241996-09-24जाना है, जाना है, तेरे संग दिल लगाकर ये मैंने जाना हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jana-hai-jana-hai-tere-sanga-dila-lagakara-ye-mainne-jana-haiजाना है, जाना है, तेरे संग दिल लगाकर ये मैंने जाना है,
की प्यार क्या है, ऐतबार क्या है, जाना है... (2)
नही जानता था अपनेआप को भी तो मैं, तेरे संग दिल लगाकर खुद पहचाना है|
जी रहा हूँ जो जीवन, उस जीवन का अर्थ मैं जान पाया हूँ,
भाव क्या है, भावना ये क्या है, दिल लगाकर तेरे संग, ये मैं जान पाया हूँ|
समझकर कुछ अपनी समझ को, समझदारी को मैंने अपनाया है|
दिल्लगी का मजा क्या है? प्यार का नशा क्या है ?
बहुत कुछ सीखा है मैंने, बहुत कुछ मैं समझ पाया हूँ|
सुखदुःख का मान मैं भूल पाया हूँ, तेरे संग दिल लगाकर मैं,
दिल लगाया तुझसे, तुझसे ही लगाना चाहता हूँ, पाया है जो मैंने उसे ना गवाना चाहता हूँ|
जाना है, जाना है, तेरे संग दिल लगाकर ये मैंने जाना है