View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2299 | Date: 01-Oct-19971997-10-011997-10-01कब तक निगाहें तुझे बाहर ढूँढती रहेगी, ये हम कुछ कह सकते नहीं।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kaba-taka-nigahem-tuje-bahara-dhundhati-rahegi-ye-hama-kuchha-kaha-sakateकब तक निगाहें तुझे बाहर ढूँढती रहेगी, ये हम कुछ कह सकते नहीं।
कब तक दिल को यूँ ही दुःखी करती रहेगी, ये...
दिल की गहराई में झाँकना कभी होगा शुरु, ये हम कुछ ...
अंगारों की आग में कब तक रहोंगे जलते, ये हम कुछ ...
काँटो को कब तक चूभाते रहोंगे अपने तन में, ये हम कुछ ...
मिटा पाएँगे तेरी दूरी कैसे और कब, ये हम कुछ ...
वही रोना, वही हँसना, वही पुराना गाना, कब तक गाते रहोंगे, ये हम कुछ ...
जन्मों से चली आ रही दास्ताँ को मिटाना है, ये आज कल की तो बात नहीं।
इस जंग को जितने में लगेगे कितने पल, इसका हिसाब कर सकते नहीं।
प्रभु अपने दिल में पाना है दीदार तेरा, पाएँगे कब तक ये कह पाए नही।
कब तक निगाहें तुझे बाहर ढूँढती रहेगी, ये हम कुछ कह सकते नहीं।