View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 2303 | Date: 01-Oct-19971997-10-01कदम-कदम पर इम्तिहान से भरी ये जिंदगी, नही है फूलों का हार जिंदगी।https://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kadamakadama-para-intihana-se-bhari-ye-jindagi-nahi-hai-phulom-ka-haraकदम-कदम पर इम्तिहान से भरी ये जिंदगी, नही है फूलों का हार जिंदगी।

काँटो की नोक पर हँसती-मुस्कुराती जिंदगी, नही है दर्द से आजाद जिंदगी।

साँसों की आगे कुच करती निकली, ये जिंदगी युद्ध में घायल है ये जिंदगी।

हार-जीत के बीच बिखरी हुई ये जिंदगी, अंजाम से अनजान ये जिंदगी।

कभी जवाबो में सवाल की तरह लगती जिंदगी, तो कभी सवालो में जवाब यह जिंदगी।

कभी हकीकतों में ख्यालों की तरह, तो कभी ख्यालों में हकीकत की तरह उभरती ये जिंदगी।

कभी मौत का पीछा करती हुई, तो कभी मौत से ड़रती हुई, ये जिंदगी।

कभी चट्टानों की तरह स्थिर और अड़िग, तो कभी मौजों की तरह उछलती ये जिंदगी।

कहना तो बहुत मुश्किल है आखिर, कौन-से रूप में सजी हुई है ये जिंदगी।

पर एक बात तो ऩिश्चित है, खुदा तुझे पाने के लिए मिली है यह जिंदगी।

कदम-कदम पर इम्तिहान से भरी ये जिंदगी, नही है फूलों का हार जिंदगी।

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कदम-कदम पर इम्तिहान से भरी ये जिंदगी, नही है फूलों का हार जिंदगी।

काँटो की नोक पर हँसती-मुस्कुराती जिंदगी, नही है दर्द से आजाद जिंदगी।

साँसों की आगे कुच करती निकली, ये जिंदगी युद्ध में घायल है ये जिंदगी।

हार-जीत के बीच बिखरी हुई ये जिंदगी, अंजाम से अनजान ये जिंदगी।

कभी जवाबो में सवाल की तरह लगती जिंदगी, तो कभी सवालो में जवाब यह जिंदगी।

कभी हकीकतों में ख्यालों की तरह, तो कभी ख्यालों में हकीकत की तरह उभरती ये जिंदगी।

कभी मौत का पीछा करती हुई, तो कभी मौत से ड़रती हुई, ये जिंदगी।

कभी चट्टानों की तरह स्थिर और अड़िग, तो कभी मौजों की तरह उछलती ये जिंदगी।

कहना तो बहुत मुश्किल है आखिर, कौन-से रूप में सजी हुई है ये जिंदगी।

पर एक बात तो ऩिश्चित है, खुदा तुझे पाने के लिए मिली है यह जिंदगी।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


kadama-kadama para imtihāna sē bharī yē jiṁdagī, nahī hai phūlōṁ kā hāra jiṁdagī।

kām̐ṭō kī nōka para ham̐satī-muskurātī jiṁdagī, nahī hai darda sē ājāda jiṁdagī।

sām̐sōṁ kī āgē kuca karatī nikalī, yē jiṁdagī yuddha mēṁ ghāyala hai yē jiṁdagī।

hāra-jīta kē bīca bikharī huī yē jiṁdagī, aṁjāma sē anajāna yē jiṁdagī।

kabhī javābō mēṁ savāla kī taraha lagatī jiṁdagī, tō kabhī savālō mēṁ javāba yaha jiṁdagī।

kabhī hakīkatōṁ mēṁ khyālōṁ kī taraha, tō kabhī khyālōṁ mēṁ hakīkata kī taraha ubharatī yē jiṁdagī।

kabhī mauta kā pīchā karatī huī, tō kabhī mauta sē ḍa़ratī huī, yē jiṁdagī।

kabhī caṭṭānōṁ kī taraha sthira aura aḍa़iga, tō kabhī maujōṁ kī taraha uchalatī yē jiṁdagī।

kahanā tō bahuta muśkila hai ākhira, kauna-sē rūpa mēṁ sajī huī hai yē jiṁdagī।

para ēka bāta tō na़iścita hai, khudā tujhē pānē kē liē milī hai yaha jiṁdagī।