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Hymn No. 1791 | Date: 03-Oct-19961996-10-031996-10-03कैसे कहे तुझे अपने दिल में रहने को, कि हमारा दिल तेरे काबिल नही|Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kaise-kahe-tuje-apane-dila-mem-rahane-ko-ki-hamara-dila-tere-kabila-nahiकैसे कहे तुझे अपने दिल में रहने को, कि हमारा दिल तेरे काबिल नही|
चाहिए तुझे विशालता और हमारे दिल में संकुचितता के सिवाय कुछ और नही|
है व्यथा हमारी क्या और क्या नही, वह तेरी समझ से बहार नही|
करे क्या जतन हम इस दर्द का कि इसका जतन हमें करना आता नही|
कर सकता है एक तू ही हमारी ये व्यथा दूर, तेरे सिवाय कोई और कर सकता नही|
चाहते है हम, आए हमारे दिल में विशालता, पर तेरी कृपा बिना वह संभव नही|
लूट रहे है हमारे दिल को कई लूटेरे, जिसका हमें पुरा अंदाजा नही|
तेरे सिवाय हमारे दिल को, कोई और मुक्ति दिला सकता नही|
कैसे कहे हम अपने दिल को, तेरा आशियाना कि जहाँ तू रहता नही|
बना ले हमारे दिल को तू अपने काबिल के इसके सिवाय हमारी कोई चाहत नही|
कैसे कहे तुझे अपने दिल में रहने को, कि हमारा दिल तेरे काबिल नही|