View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2127 | Date: 25-May-19971997-05-251997-05-25करे अगर प्यार कोई तुझसे, तो तू किसे रोकता नहीं।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kare-agara-pyara-koi-tujase-to-tu-kise-rokata-nahimकरे अगर प्यार कोई तुझसे, तो तू किसे रोकता नहीं।
वैसे भी तू किसको भी टोकता नही, करे ...
रोकने-टोकने कि तो आदत है हमारी, यह आदत तो तेरी नहीं।
करे जो भी कुछ तू करने देता है, अपनी होशियारी तू दिखाता नहीं।
फिर भी नही समझते हम कुछ, तेरी ओर ध्यान कभी करते नहीं।
करते है अगर ध्यान भी तो अपनी बेध्यानी से बाहर हम आते नहीं।
तेरे गुणों को अपने में बसा पाते नही, अपनी आदतों को बदल पाते नहीं।
पाना चाहते है तुझे, पर तेरे दिखाए यह पथ पर चलना चाहते नहीं।
मन को मारने की जगह, मनमानी करना हम छोड़ते नहीं
करता है तू जो हम कर पाते नही, रोक-टोक से आगे आते नहीं
करे अगर प्यार कोई तुझसे, तो तू किसे रोकता नहीं।