View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2126 | Date: 25-May-19971997-05-251997-05-25ये गलतफहमी तो सबको होती कभी अपनेआप पर तो कभी औरों पर होती है।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ye-galataphahami-to-sabako-hoti-kabhi-apaneapa-para-to-kabhi-aurom-paraये गलतफहमी तो सबको होती कभी अपनेआप पर तो कभी औरों पर होती है।
आती है जीवन में जब ये तो जीना मुश्किल कर देती है।
बेकसूरवार को भी कसूरवार ये कर जाती है।
घूस जाए अगर एक बार मन में, तो जल्दी अपना मकान खाली नही करती है।
दिल में कभी बैर, तो कभी ईर्ष्या, तो कभी अभाव यह जगा जाती है।
पता नही चलता है, ये कब और किसके संग जूड़ जाती है।
पर यह गलतफहमी इन्सान को बहुत ही परेशान कर देती है।
गलतफहमी को ही जो कोई माने सच्चाई, तो फिर कुछ और नही होता है।
इसका बस चले जिसका, उसमें फिर कोई जोर नही होता है।
लगता है वहाँ सब गलत ही गलत, जहाँ गलतफहमी का घर होता है।
ये गलतफहमी तो सबको होती कभी अपनेआप पर तो कभी औरों पर होती है।