View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1723 | Date: 09-Sep-19961996-09-091996-09-09क्या जानोगे, कितना जानोगे, जानकारी अपनी कितनी बढ़ाना चाहोगेSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kya-janoge-kitana-janoge-janakari-apani-kitani-badhaana-chahogeक्या जानोगे, कितना जानोगे, जानकारी अपनी कितनी बढ़ाना चाहोगे,
कि खुदा के बनाए इस ज़हाँ में, जानोगे बहुत फिर भी सबकुछ जान ना पाओगे।
है वक्त तुम्हारे पास बहुत कम और जानना है तुम्हें बहुत ज्यादा।
जाओगे एक जगह, तो दूसरी जगह जा नही पाओगे।
एक-एक पल में, तुम कितना और क्या-क्या जान पाओगे।
है एक एक नजारा दिलकश, तुम किस नजारे को बयान कर पाओगे।
वक्त के खत्म हो जाने पर, तुम्हारी सारी जानकारी तुम भूल जाओगे।
कितने ज़न्म लोगे तुम यहाँ और कितनी बार मरना चाहोगे।
अगर नही करना है ये सबकुछ, जानना है सच में ही सबकुछ।
तो जान लो खुदा को, कि तुम सबकुछ जानकर अजर-अमर हो जाओगे।
क्या जानोगे, कितना जानोगे, जानकारी अपनी कितनी बढ़ाना चाहोगे