View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2462 | Date: 11-Jun-19981998-06-111998-06-11क्यों करुँ मैं फिक्र मेरी जब तू सँभालनेवाला, क्यों डरु मैं जग से जब तू है हाथ थामनेवाला।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kyom-karum-maim-phikra-meri-jaba-tu-sambhalanevala-kyom-daru-maim-jagaक्यों करुँ मैं फिक्र मेरी जब तू सँभालनेवाला, क्यों डरु मैं जग से जब तू है हाथ थामनेवाला।
क्यों ना आए अंत मेरी उलझनों का, कि तू है मेरी उलझने सुधारनेवाला।
कैसे टिके पास मेरे अँधेरा, के जहाँ तू है मुझे प्रकाश देनेवाला।
मस्ती में क्यों ना रहूँ हरदम, जब तू है मस्त रहनेवाला।
क्यों करुँ गिला-शिकवा किसीसे, जब तू ही तो मुझे प्यार करनेवाला।
क्यों लूँ ऐसे शस्त्र का सहारा जब तू ही तो है मेरा रखवाला।
क्यों ना रहूँ मैं मदहोशी में चकचूर, जब तू ही तो है मुझे प्यार करनेवाला।
क्यों रहूँ मैं अकेला, क्यों फिरुँ आवारा ज़ब तू है मेरा सहारा।
गम नही मुझे हूँ मैं मझधार में तो, क्योंकि आखिर तू ही तो है मेरा किनारा।
दिल में क्यों ना उठे प्यार के सैलाब, के मेरी धड़कन जहाँ तू है।
क्यों करुँ मैं फिक्र मेरी जब तू सँभालनेवाला, क्यों डरु मैं जग से जब तू है हाथ थामनेवाला।