View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 2187 | Date: 09-Aug-19971997-08-09पीना सीख लिया जिसने नजरों से नज़रों का जामhttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=pina-sikha-liya-jisane-najarom-se-najarom-ka-jamaपीना सीख लिया जिसने नजरों से नज़रों का जाम,

वह तो हर वक्त नशे में रहता है, उसका नशा कभी कम नही होता है।

दुनिया में रहते भी वह दुनियादारी से बहुत दूर रहता है।

अपनेआप में गुम, जग से अनजाना ही रहता है।

मिट जाती है सारी फरियादें दिल से, तभी ही मोहब्बत का यहे दोर शुरु होता है।

मिट जाता है गम दूरी-नजदीकी का, वह तो बहार सावन में खेलता है।

नही होती कम उसकी मस्ती, उसकी मदहोशी बढ़ती जाती है।

पिए जाता है, पिए जाता है प्यार भरा जाम, सबकुछ ही वह भूल जाता है।

कोई ठुकराए यह या कोई अपनाए, पर वह तो सबसे परे रहता है।

कर ले कोई एकबार ये नशा, फिर इसके आधीन हो जाता है।

जीत जाता है वह सबकुछ, पर जीत का ना एहसास रहता है।

मुक्ति और बंधन से परे वह तो परमानंद में ही खो जाता है।

पीना सीख लिया जिसने नजरों से नज़रों का जाम

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पीना सीख लिया जिसने नजरों से नज़रों का जाम,

वह तो हर वक्त नशे में रहता है, उसका नशा कभी कम नही होता है।

दुनिया में रहते भी वह दुनियादारी से बहुत दूर रहता है।

अपनेआप में गुम, जग से अनजाना ही रहता है।

मिट जाती है सारी फरियादें दिल से, तभी ही मोहब्बत का यहे दोर शुरु होता है।

मिट जाता है गम दूरी-नजदीकी का, वह तो बहार सावन में खेलता है।

नही होती कम उसकी मस्ती, उसकी मदहोशी बढ़ती जाती है।

पिए जाता है, पिए जाता है प्यार भरा जाम, सबकुछ ही वह भूल जाता है।

कोई ठुकराए यह या कोई अपनाए, पर वह तो सबसे परे रहता है।

कर ले कोई एकबार ये नशा, फिर इसके आधीन हो जाता है।

जीत जाता है वह सबकुछ, पर जीत का ना एहसास रहता है।

मुक्ति और बंधन से परे वह तो परमानंद में ही खो जाता है।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


pīnā sīkha liyā jisanē najarōṁ sē naja़rōṁ kā jāma,

vaha tō hara vakta naśē mēṁ rahatā hai, usakā naśā kabhī kama nahī hōtā hai।

duniyā mēṁ rahatē bhī vaha duniyādārī sē bahuta dūra rahatā hai।

apanēāpa mēṁ guma, jaga sē anajānā hī rahatā hai।

miṭa jātī hai sārī phariyādēṁ dila sē, tabhī hī mōhabbata kā yahē dōra śuru hōtā hai।

miṭa jātā hai gama dūrī-najadīkī kā, vaha tō bahāra sāvana mēṁ khēlatā hai।

nahī hōtī kama usakī mastī, usakī madahōśī baḍha़tī jātī hai।

piē jātā hai, piē jātā hai pyāra bharā jāma, sabakucha hī vaha bhūla jātā hai।

kōī ṭhukarāē yaha yā kōī apanāē, para vaha tō sabasē parē rahatā hai।

kara lē kōī ēkabāra yē naśā, phira isakē ādhīna hō jātā hai।

jīta jātā hai vaha sabakucha, para jīta kā nā ēhasāsa rahatā hai।

mukti aura baṁdhana sē parē vaha tō paramānaṁda mēṁ hī khō jātā hai।