View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2972 | Date: 02-Nov-19981998-11-021998-11-02रूक जाऊँ, थम जाऊँ, खो जाऊँ (2)Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ruka-jaum-thama-jaum-kho-jaumरूक जाऊँ, थम जाऊँ, खो जाऊँ (2)
आकर पास तेरे लगे ऐसा प्रभु, के मैं कही ना जाऊँ,
ना पाना चाहूँ कुछ भी, की मैं तुझमें खो जाना चाहूँ ।
अपनी आँखों से मैं दीदार तेरा करता ही जाऊँ,
छूपा हुआ है प्यार जो तुझमें, उसे महसूस करता जाऊँ ।
दिल मेरा कहे मुझसे बस एक ही बात, के अब मैं कही ना जाऊँ,
इकरारे प्यार में मैं सूर नए सजाता जाऊँ, रूक जाऊँ.....
जो ना करुँ महसूस मैं कभी, वह पास तेरे आकर मैं जान पाऊँ ।
दीवानगी को तेरी मैं बस देखता ही जाऊँ, रूक जाऊँ ...
पाने को तेरे आशीष, मैं तेरे चरणों में झुक जाऊँ रूक जाऊँ ...
रूक जाऊँ, थम जाऊँ, खो जाऊँ (2)