View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2620 | Date: 02-Sep-19981998-09-021998-09-02शंका-आशंकाओं भरा मेरा ये व्यवहार, प्रभु कैसे पाऊँ मैं तेरा प्यारSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=shankaashankaom-bhara-mera-ye-vyavahara-prabhu-kaise-paum-maim-tera-pyaraशंका-आशंकाओं भरा मेरा ये व्यवहार, प्रभु कैसे पाऊँ मैं तेरा प्यार,
चाहता नही शंका जगाना अपनेआप में, पर फिर भी नही रूकती इनकी लंगार।
शंकापर शंका जगती है दिल में, मैं खुद ही हो जाता हूँ इन सबका शिकार,
करुँ तो कैसे करुँ मैं इनका इलाज़, समझ नही पाता हूँ, तू ही कर दे इनका इलाज।
प्रभु आकर पास मेरे दिल से मिटा दे शंका का दावानल तू आज।
चाहता हूँ जीवन में मैं आगे बढ़ना, पीछे हटना नही है मुझे स्वीकार।
ये मेरी शंका, ये मेरे विश्वास पर हरदम करती है वार।
उठा नही पाता कदम मुक्कमता से अपना, नही रख पाता हूँ तुझपर पूरा विश्वास।
शंकाओ का दिल में जगना, मतलब मिलता नही, मुझे अच्छा एहसास।
प्रभु तू ही बता दे कैसे करुँ मैं इनका इलाज, करना चाहता हूँ मैं इनका इलाज।
शंका-आशंकाओं भरा मेरा ये व्यवहार, प्रभु कैसे पाऊँ मैं तेरा प्यार