“ अपनी कोशिशों की कमजोरी बयान हम करना नहीं चाहते हैं, इसलिए जुदाई को बहुत जल्दी स्वीकार लेते हैं | कभी मिल के हम इस तरह रहते हैं कि जुदाई की तरह जी लेते हैं | ” - संत श्री अल्पा माँ Share