“ अपनी ख़ुशी में खुश रहना आता नहीं, दूसरों की ख़ुशी बर्दाश्त हमसे होती नहीं, बस इसी वजह से ही बर्बादी हमारी रूकती नहीं | ” - संत श्री अल्पा माँ Share