दिया मेरे साहेब ने मुझे सबकुछ, मैं कुछ पा ना सकी,
कसूरवार इसमें मेरा साहेब नहीं, मेरा साहेब नहीं।
प्रेम पाया उसने, प्रेम खिलाया, प्रेम पिलाया,
रहा फिरभी बैर बाकी, मेरा साहेब इसमें कसूरवार नहीं ।
- संत श्री अल्पा माँ
दिया मेरे साहेब ने मुझे सबकुछ, मैं कुछ पा ना सकी,
कसूरवार इसमें मेरा साहेब नहीं, मेरा साहेब नहीं।
प्रेम पाया उसने, प्रेम खिलाया, प्रेम पिलाया,
रहा फिरभी बैर बाकी, मेरा साहेब इसमें कसूरवार नहीं ।
- संत श्री अल्पा माँ