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तू मिला मुकम्मल जहाँ मिला,
अब न चाह कोई बाकी है ।
खिलखिलाता चेहरा तेरा देखके,
खो गए हम अब न कोई हसरत बाकी है ।
जर्रे जर्रे में पाया जहाँ दीदार तेरा,
अब न राह कोई बाकी है ।

- संत श्री अल्पा माँ
तू मिला मुकम्मल जहाँ मिला,
अब न चाह कोई बाकी है ।
खिलखिलाता चेहरा तेरा देखके,
खो गए हम अब न कोई हसरत बाकी है ।
जर्रे जर्रे में पाया जहाँ दीदार तेरा,
अब न राह कोई बाकी है ।



- संत श्री अल्पा माँ

 
तू मिला मुकम्मल जहाँ मिला,
अब न चाह कोई बाकी है ।
खिलखिलाता चेहरा तेरा देखके,
खो गए हम अब न कोई हसरत बाकी है ।
जर्रे जर्रे में पाया जहाँ दीदार तेरा,
अब न राह कोई बाकी है ।
तू मिला मुकम्मल जहाँ मिला 2017-10-13 /quotes/detail.aspx?title=tu-mila-mukammala-jaham-mila