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कहना चाहते हैं बहुत कुछ, कह नहीं पाते हैं,
ऐ ज़िंदगी तुझको हम जान नहीं पाते हैं;
कहने जब कुछ जाते हैं बस वहीं पर ही हम मार खा जाते हैं |

- संत श्री अल्पा माँ
कहना चाहते हैं बहुत कुछ, कह नहीं पाते हैं,
ऐ ज़िंदगी तुझको हम जान नहीं पाते हैं;
कहने जब कुछ जाते हैं बस वहीं पर ही हम मार खा जाते हैं |



- संत श्री अल्पा माँ

 
कहना चाहते हैं बहुत कुछ, कह नहीं पाते हैं,
ऐ ज़िंदगी तुझको हम जान नहीं पाते हैं;
कहने जब कुछ जाते हैं बस वहीं पर ही हम मार खा जाते हैं |
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