Share कमजोरी बढ़ती गई कमजोर हम होते गए, भूल गए सब कुछ हम ज़िंदगी से ही हम लड़ते रहे | - संत श्री अल्पा माँ Previous कमज़ोरियों पर वो हमारी वार करते हैं Next कमी का एहसास जहाँ होता है प्यार वहाँ कम हो जाता है