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क्या इकरार, क्या इन्कार, के हाथों बिक गये हैं,
चाहतों के हाथ हो गये हम गुलाम ।

- संत श्री अल्पा माँ
क्या इकरार, क्या इन्कार, के हाथों बिक गये हैं,
चाहतों के हाथ हो गये हम गुलाम ।



- संत श्री अल्पा माँ

 
क्या इकरार, क्या इन्कार, के हाथों बिक गये हैं,
चाहतों के हाथ हो गये हम गुलाम ।
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