Share मुकाबला करने की इच्छा कम हो जाती है | तब ना होते हुए भी हम दर्दी बन जाते हैं |- संत श्री अल्पा माँ मुकाबला करने की इच्छा कम हो जाती है | तब ना होते हुए भी हम दर्दी बन जाते हैं | - संत श्री अल्पा माँ Previous मैं दीवारों पर सजाने की कोई चीज नहीं हूँ Next मंजिल की तलाश में हम फिर रहे थे