Share ये कैसा व्यवहार है जिसे दिल नहीं करता स्वीकार है | जिसे अदा करने पर दिल हो जाता उदास है |- संत श्री अल्पा माँ ये कैसा व्यवहार है जिसे दिल नहीं करता स्वीकार है | जिसे अदा करने पर दिल हो जाता उदास है | - संत श्री अल्पा माँ Previous ये कैसा पथ है? Next ये जो तेरा दर्द है, यही तो मेरा कर्ज है ।