View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1751 | Date: 16-Sep-19961996-09-161996-09-16अगर खुद हो परेशान, तो दूसरों को करना परेशान आदत हमारी बन गई है।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=agara-khuda-ho-pareshana-to-dusarom-ko-karana-pareshana-adata-hamari-banaअगर खुद हो परेशान, तो दूसरों को करना परेशान आदत हमारी बन गई है।
किसीका सुख-चैन देखना पाना, ये किस्मत हमारी बन गई है।
सारी अच्छाईयों को सिर्फ बातों में ही रखने कि आदत बन गई है|
दिलजलों कि तरह जलते रहना जीवनभर, किस्मत हमारी बन गई है|
कैसे आए बदलाव हमारे में, कि हमारी सोच ही रूक गई है|
अहंकार और ईर्ष्या में जैसे जिंदगी हमारी छूपी हुई है|
कैसे पाए जीवन में चैन, कि जब ना चैन की सोचते है|
औरों के घर में करके अंधेरा, रोशन अपना घर करने की आदत बन गई है|
करना सबको दुःखी, देना सबको दर्द, तो जैसे हमारी जरूरत बन गई है|
गफलत में ही जीना और गफलत में ही मरना, जैसे हमारी शान बन गई है|
अगर खुद हो परेशान, तो दूसरों को करना परेशान आदत हमारी बन गई है।