View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1750 | Date: 16-Sep-19961996-09-161996-09-16मेरे खयालों ने कभी मेरा बड़ा बुरा हाल किया|Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=mere-khayalom-ne-kabhi-mera-badaa-bura-hala-kiyaमेरे खयालों ने कभी मेरा बड़ा बुरा हाल किया|
मेरे ही खयालों ने कभी मुझे बड़ा सुकून दिया|
कैसे दूँ अब मैं दोष अपने खयालों को, कि नही इन्होंने मुझ पर कोई जोर जुल्म किया|
चाहत में मेरी, मैंने दी दावत इन्हें, अपने पास बुला लीया|
खयाल तो खयाल ही थे, फर्क है क्या इन में बाद में पता चल गया।
लूटा किसीने मेरा सुख-चैन, तो किसीने मुझे सँवार दिया।
अच्छाई में भी बुराई में भी, मेरे खयालों ने तो मुझे अपना साथ दिया।
वह क्या करे कि ज़ब मैंने ही इनका गलत इस्तमाल किया।
पा सकता था जिनसे जन्नत,पर मैं तो दो ज़ख ही माँगता रहा।
चला ही कुछ ऐसी राह पर कि अपना दुश्मन आप ही बन गया।
कभी कुछ ना मिला तो सारा दोष अपने खयालों को दे दिया।
मेरे खयालों ने कभी मेरा बड़ा बुरा हाल किया|