View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2295 | Date: 01-Oct-19971997-10-011997-10-01चाहे कितना भी हँसीन हो ख्वाब ,तो फिर भी ख्वाब ही होता है।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chahe-kitana-bhi-hansina-ho-khvaba-to-phira-bhi-khvaba-hi-hota-haiचाहे कितना भी हँसीन हो ख्वाब ,तो फिर भी ख्वाब ही होता है।
ज़ब तक ना बदले हकीकत में, तब तक वह कुछ काम का नही होता है।
जिंदगी जीने के लिए ख्वाब ज़रूरी है,पर ख्वाबो से नाता तोड़ना पड़ता है।
पानी है जिने खुशी सदा के लिए, उन्हें पलछिन से नाता तोड़ना पड़ता है।
चाहते है जो हकीकतों को साकार करना, उन्हें ख्वाबो से बाहर निकलना पड़ता है।
अपनेआप को कुछ मोड़ना पड़ता है, कुछ बदलना पड़ता है।
सत्य से सामना करना है तो ख्वाबों की दुनिया से नाता तोड़ना पड़ता है।
ख्वाब दे सकते है जो,वह हमें संतोष कभी देता नही है।
पा ना ले अगर मंज़िल को जिंदगी में, तो जिंदगी, जिंदगी नही है।
चाहे कितना भी हँसीन हो ख्वाब ,तो फिर भी ख्वाब ही होता है।