View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 545 | Date: 02-Dec-19931993-12-021993-12-02चले हम बहुत चले, चलकर थक गएSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chale-hama-bahuta-chale-chalakara-thaka-gaeचले हम बहुत चले, चलकर थक गए,
देखा पीछे मुड़कर तो हम तो दंग रहे गए,
चले थे बहुत, फिर भी कदम हमारे वही के वही जम गए थे।
कैसे चल पाते हम? सपनों के पंख लगाकर हवा में उड़ रहे थे,
गिरे जब नीचे, तो देखा हम वही के वही अटके हुए थे।
आगे बढ़ने की बात करके हम झूठे भ्रम में जी रहे थे,
भ्रम का लेकर सहारा, खुश हम बहुत ही हो रहे थे।
टूटा जब भ्रम हमारा, तब खुशी से हम बहुत दूर जा चुके थे,
मिले कितने मौके जिंदगी में आगे बढ़ने के, पर हम वही के वही रूके हुए थे।
चलते-चलते जीवन बीत गया, बीते कई जन्म हमारे
ना रूके थे हम, नही मिली थी मंजिल हमें, हम तो रूक के चल रहे थे
चले हम बहुत चले, चलकर थक गए