View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4093 | Date: 09-Apr-20012001-04-092001-04-09दफन हो दर्द जिसमें ऐसी कोई कब्र तो नहींSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=daphana-ho-darda-jisamem-aisi-koi-kabra-to-nahimदफन हो दर्द जिसमें ऐसी कोई कब्र तो नहीं,
कहते है हम ऐसा साथी कि इसकी हमें खबर तो नहीं।
दफनाते हैं जब जिस्म को लोग कब्र में,
कहते है मिट गया सिलसिला,
पर सिलसिला है कैसा ये कोई जानता ही नहीं ।
कफन ओढ़ने वाले से लोग क्यों लेते नहीं है सबब
कि कफन ओढ़ने से मिलता नहीं चैन और सुकून ।
कर रहे ज़िंदगी की बात, कर रहे हैं खुशी की शुरुआत,
गम का मातम ना मनायें, कि दर्द को हम कैसे दफनायें,
कोई हमें ये राज बतलाये कि दफन हो दर्द जिसमें, ऐसी कब्र है कि नहीं ।
दफन हो दर्द जिसमें ऐसी कोई कब्र तो नहीं