View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 944 | Date: 26-Aug-19941994-08-261994-08-26गलती एक ही बार-बार मुझसे तो होती हैंSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=galati-eka-hi-barabara-mujase-to-hoti-haimगलती एक ही बार-बार मुझसे तो होती हैं
तुझे दिल में देखने की बजाय मैं दुनिया में ढूँढ़ती रहती हूँ
भूलकर दिल में दर्शन करना तेरा, मैं यहाँ-वहाँ भट़कती रहती हूँ
भट़कते-भट़कते दर्शन तेरा करना भूलकर, मैं आखिर थक जाती हूँ
तुझे याद करना भूलकर फरियादे, मेरी शुरू हो जाती है
माया के रंग में रंगा हुआ, मेरा मन ना जाने क्या करता हैं ।
तू तो हर पल मेरे पास ही है, फिर मैं बैचैन क्यों हो जाती हूँ
बेचेनी मैं अपनेआप से तुझे दूर कर देती हूँ
यहाँ-वहाँ घूमकर यह गलती हर बार करती रहती हूँ
आती हूँ तुझे मिलने, पर मिलन मेरा तेरी संग हो नहीं सकता है
गलती एक ही बार-बार मुझसे तो होती हैं