View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 943 | Date: 22-Aug-19941994-08-221994-08-22जिंदगी में यूँ किसीसे ना ड़रो, किसीसे ना ड़रोSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jindagi-mem-yum-kisise-na-daro-kisise-na-daroजिंदगी में यूँ किसीसे ना ड़रो, किसीसे ना ड़रो,
जिंदगी यूँ ही रूठ़ जाएगी, ड़र ही ड़र में वह चली जाएगी।
जिंदगी के रुख को जरा तुम पहचान लो, जरा पहचान लो,
रिश्ता सदा उसके संग जरा तुम जोड़ दो, जरा जोड़ दो।
मिली हैं कई बंदगीओं पर ये जिंदगी, तुम इसे सँवार लो,
बुझा दो नफरत की आँधी, जिंदगी को तुम सिर्फ प्यार दो।
नहीं मिलती हैं ये बार-बार, इस मौके को हाथ से ना जाने दो,
दिल के ड़र को निकाल कर, हिम्मत से रहना सीख लो।
हर एक रूप में इसको स्वीकार कर, इसे सजा दो,
दी हैं जिसने यह ज़िंदगी, अर्पण उसको प्रेम से करना सीख लो।
जिंदगी में यूँ किसीसे ना ड़रो, किसीसे ना ड़रो