View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4114 | Date: 05-May-20012001-05-052001-05-05ग़म का मातम हम ना मनायें, खुशी में बहक हम ना जायेSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=gama-ka-matama-hama-na-manayem-khushi-mem-bahaka-hama-na-jayeग़म का मातम हम ना मनायें, खुशी में बहक हम ना जाये,
पायें सदा तुझको संग अपने पायें .....(2)
क्या गलत, क्या सही पता नहीं जहाँ, वहाँ कुछ कहना ना चाहें,
बस पल पल, हरपल दिलमें हमारे प्यार तेरे लिये पायें ।
वही मस्ताने अंदाज, वही अपने मदहोशी से भरे राज,
पल एक के लिये भी कभी रुखसत हम तुझसे ना चाहे ।
जीक्र सारे छोड़, फिक्र सारी छोड़कर,
तेरे मस्ती भरे नगमें सदा गुनगुनाते जायें,
पतझड भी वसंत की तरह महकाये के पायें सदा तुझको ।
ग़म का मातम हम ना मनायें, खुशी में बहक हम ना जाये