View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3408 | Date: 22-May-19991999-05-221999-05-22घबराना छोड़ दे तू, झिझकना छोड़ देSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ghabarana-chhoda-de-tu-jijakana-chhoda-deघबराना छोड़ दे तू, झिझकना छोड़ दे,
निकला है जब तू प्रित करने, तो दर्दसे ड़रना छोड़ दे।
चाहत है क्या तेरी ये जानले, चाहतों में भटकना छोड़ दे,
या खुले दिलसे अपना, या फिर खयाल उसका छोड़ दे ।
ना अटक बीच राहमें तू, कि मन ही मन में घबराना छोड़ दे,
या माफ कर, या दे दे सजा, गलतियों को बार बार याद करना छोड़ दे ।
करना पड़ेगा तुझे यही चैन पाने को, कि बेचैनी का दामन छोड़ दे,
समझ-नासमझी का जिक्र लेके कब तक बैठेगा कि सारी बातें छोड़ दे ।
होने दे दिलसे दिलका मिलन, कि बाकी खयाल छोड़ दे,
दिलसे दावत दे अपने यार को कि सारे फसाने तू छोड़ दे ।
घबराना छोड़ दे तू, झिझकना छोड़ दे