View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1000 | Date: 03-Oct-19941994-10-031994-10-03जलता हैं ये संसार, ये तो हैं एक अंगारSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jalata-haim-ye-sansara-ye-to-haim-eka-angaraजलता हैं ये संसार, ये तो हैं एक अंगार,
जलते इस अंगार की, मिलती हैं कभी राख, तो कभी नहीं मिलती ।
कोई जिंदा जले, कोई मूर्दा जले, जले हर कोई यहाँ,
दिलों में लगी आग को बुझा ना सकी वर्षा की धारा।
मैं भी जलूँ, तू भी जले, यह भी जले, वह भी जले,
करे कोई इकरार इसका, तो कोई बस यूँ ही जले।
जल-जल कर इस आग में, आखिर सब की राख बने,
पर जलते हैं कोई इस तरह की जलकर सोना बने।
कोई अपने दिल की आग में, तो कोई दुनिया की आग में जले,
हो भक्त तो वह भी प्रभु की विरह में हर पल जले
जलते इस संसार में भी देखो छोटे से स्मशान बने ।
जलता हैं ये संसार, ये तो हैं एक अंगार